ग्वालियर निवासी उदय प्रताप शर्मा ने की करोड़ो की ठगी , नीरज शर्मा ने लगाए गंभीर आरोप
ग्वालियर निवासी उदय प्रताप शर्मा ने की करोड़ो की ठगी , नीरज शर्मा ने लगाए गंभीर आरोप
ग्वालियर शहर के प्रतिष्ठित व्यक्ति नीरज शर्मा (प्रार्थी) सुपुत्र श्री कैलाश शर्मा ने ग्वालियर निवासी उदयप्रताप शर्मा- कंपनी मेसर्स उदयप्रताप शर्मा (वर्तमान में भारती बिल्डकॉम ) पर करीब 4 करोड़ रुपये की ठगी करने का आरोप लगाया है ।
आरोप है कि उदयप्रताप शर्मा ने प्रार्थी से लालपुर बांध के कार्य हेतु डीजल राशि 13,00,000 /- ( तेरह लाख ) डीलक्स मोटर्स (पेट्रोल पंप ) सनातन धर्म मंदिर के सामने इंदरगंज से लिया विनय शर्मा को 8,00,000 रुपये के सरिया भुगतान भी किया एवं अपनी एक मशीन भी कार्य करने हेतु दी जिसका भुगतान प्रार्थि की नही मिला , उदयप्रताप एक क्रेशर प्लांट भी लगाना था उसके लिए भी इन्होंने नीरज शर्मा यानी प्रार्थी से बीस लाख रुपये लिये जो वापिस भी नही किया ।
उदयप्रताप शर्मा ने प्रार्थी से हरसि हाई लेवल डबरा जिला ग्वालियर में दो टेंडर राशि 31 करोड़ एवं 18 करोड़ के निकले हैं उसके लिए नगद रुपये 25,00,000 (पच्चीस लाख) उसके मित्र के सामने लिया ,बाद उदयप्रताप शर्मा ने प्रार्थी को बताया कि कीन्ही वजह से टेंडर उनके हित मे नही हुआ और टेंडर के नाम से ली गयी धनराशि भी नही लौटाये । तरनोपरांत उदयप्रताप शर्मा ने प्रार्थी से व्यक्तिगत मिलकर कहा कि भाई एक बार फिर आप मेरी मदद कर दीजिए मेंने आपसे पहले जो पैसे लिए थे वो भी में लौटा दूंगा और फिर प्रार्थी जी लालच में आ गए कि उदयप्रताप जो पैसे मुझसे लिए थे वो अब मुझे मेरे पैसे अब लौटा देगें उदयप्रताप शर्मा को 3 करोड़ 78 लाख की इंडसाइंड बैंक में बैंक में बैंक गेरेँटर की बची हुई राशि1,99,62,272/- दिनांक 5-5-2011 को बैंक को पत्र जारी कर बैंक को नगदी करा दिया ।
जैसे ही प्रार्थी को बैंक द्वारा सूचना दी गई तो प्रार्थी ने उदय प्रताप शर्मा से मिलके उनसे कहा कि धनराशि की व्यवस्था कर संबंधित बैंको में जमा कर दूंगा । दिनांक 26- 09 – 2011 को बैंक से कॉल आया कि संबंधित बैंक गारंटी में आप गारंटर हो और खाता क्रमांक 26- 09- 2011 को बैंक को आवेदन किया की मुझे डेढ़ करोड़ रुपये की क्रेडिट फैसिलिटी दी जाए जिससे में बैंक गारंटी का पैसा जमा कर सकू दिनांक 27- 09 2011 को बैंक ने आवेदन मंजूर करके मुझे डेढ़ करोड़ रुपये की क्रेडिट उपलब्ध करवाई उसके बाद मैंने जमा करने के लिए पैसे दिया जिसका दिनांक 27-09 2011 सेंगशन लेटर डेढ़ करोड़ है ।
उसके बाद प्रार्थी ने उदयप्रताप ने संपर्क किया कि मैने बैंक गारंटी का पैसा जमा कर दिया आप मेरा पैसा वापस कर दो ।
उदयप्रताप शर्मा ने कहा कि मेरे पास नगद पैसे नहीं है आप मेरी सम्पतियों की रजिस्ट्री करवा लो और अपना पैसा ले लो प्रार्थी ने उसी समय सिरोल मुरार ग्वालियर क्षेत्र में कई संपत्तियां दिखाई एक सपत्ती जो थाने वके बगल वाली भूमि का अन्यंत्र अनुबंध पत्र है लेकिन थाने के पीछे वाली भूमि जो है वह पाक साफ है ।
इस बात का आष्वासन उदयप्रताप शर्मा , भारती शर्मा अजय शर्मा इन तीनों ने प्रार्थी को दिया।
प्रार्थी को अपने दिए हुए पैसो की वसूली करनी थी इसलिए थाने के पीछे वाली भूमि की जो कि ग्राम सिरोल मुरार ग्वालियर की परिसीमा में आती है, वो 02 बीघा भूमि की थी सर्वे क्रमांक 116,12 मिन -2 12 मिन -2, उसका विक्रय पत्र भारती शर्मा पत्नी उदय शर्मा से दिनांक 31- 03- 2016 को संपादित करवा लिया हैं उसके पूर्व भूस्वामी के प्रकरण न्यायालय में विचारधिन है । क्योंकि प्रार्थी ने भूमि पर जैसे ही कब्जा लेने हेतु कार्य किया उसी समय संबंधित न्यायालय से प्रार्थी के पास एक समय आया, प्रार्थी जब न्यायलय में उपस्थित हुआ तो ज्ञात हुआ कि प्रार्थी ने जो भूमि खरीदी हैं वह विवादित हैं । प्रार्थी पुनः इन तीनो लोगो से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि हमने तो आपको भूमि का विक्रय कर दिया हैं अब आप जानो या वो जाने , तब प्रार्थी ने पूर्व भूस्वामियों से न्यायालय में राजीनामा किया एवं तय धनराशी 21 लाख का नगद भुगतान किया और तब न्यायालय से राजीनामा हुआ।
उस समय उस विवादित भूमि के बगल से लगी भूमि सर्वे क्रमांक 115/02, उसके बारे में उदयप्रताप शर्मा ने बताया है कि यह मेरे बेटे अजय शर्मा के नाम से हैं लेकिन न्यायालय एवं सिविल न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन है जैसे ही निपट जाएगा वैसे ही विक्रय पत्र आपके हित में संपादित कर देंगे अभी इसलिए नही हो सकता कि न्यायालय में विक्रय पत्र संपादित होने पर रोक लगी है इस भूमि के एवज में प्रार्थी से रुपए 15 लाख की बात तय हो गई जिसमें से इन्होंने कुछ रुपए 7,46,166 रेता के माध्यम से भी लिए प्रार्थी ने कई बार इनसे मिलकर जो धनराशि दी है उसकी मांग की है , लेकिन यह कहकर बार – बार टकराते रहे कि जैसे ही धनराशि की व्यवस्था हो जाएगी वैसे ही तुम्हारा हिसाब कर देंगे । विवादित भूमि के संबंध में हर आम खास संस्था , निकाय आदि को सूचित किया जाता है अन्य किसी भी प्रकार संव्यवहार न करे ऐसा कोई भी संव्यवहार प्रार्थी के मुकाबले शून्य एवं निष्प्रभावी होगा तथा सव्यवहार करने वाला व्यक्ति स्वयं उत्तरदायी होगा।